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शुक्रवार, दिसंबर 23, 2011

मित्रों के नाम के एक संदेश


 
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कैमरा-तीसरी आँख http://kaimra.blogspot.com

कैमरा-तीसरी आँख वाला ब्लॉग एक-आध महीना लेट हो सकता लेकिन उस पर अपने लड़े दोनों चुनाव की प्रक्रिया और अनुभव डालने का प्रयास कर रहा हूँ.जिससे मार्च-अप्रैल  2012 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने है और मेरी दिली इच्छा है कि इस बार पहले ज्यादा निर्दलीय लोगों को चुनाव में खड़ा करने के लिए प्रेरित कर सकूँ. पिछली बार 11 लोगों की मदद की थी. जब आम-आदमी और अच्छे लोग राजनीती में नहीं आयेंगे. तब तक देश के बारें में अच्छा सोचना बेकार है. मेरे ब्लॉग से अगर लोगों को जानकारी मिल गई. तब शायद कुछ अन्य भी हौंसला दिखा सकें. मेरे अनुभव और संपत्ति की जानकारी देने से लोगों में एक नया संदेश भी जाएगा

बुधवार, अप्रैल 13, 2011

बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं

 
आप सभी संपूर्ण देशवासियों/पाठकों/ब्लागरों को शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से फसलों का पर्व होली बैसाखी की लख-लख बधाईयाँ के साथ ही हार्दिक शुभकामनाएं

रविवार, मार्च 20, 2011

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

आप सभी पाठकों/ब्लागरों को 
रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! 
मक्की की रोटी, निम्बू का आचार, 
सूरज की किरणें, खुशियों की बहार, 


चाँद की चांदनी, अपनों का प्यार, 
मुबारक हो आपको, होली का त्यौहार, 
पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार, 
अपनों का प्यार, यही है होली का त्यौहार, 
भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!

गुरुवार, जनवरी 27, 2011

जन्मदिन की मुबारकबाद

जन्मदिन की मुबारकबाद

आज दिनांक 27/01/2011 को मैं अपने बेटे गगन जैन के जन्मदिन की खुशियाँ मनाने के साथ ही गगन जैन को उसके दूसरे जन्मदिन उत्सव पर समस्त "शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार की ओर से जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए ढ़ेरों शुभकामनायें प्रेषित करता हूँ. इन्हीं शब्दों के साथ ही.. तुम सदा खुश रहो और स्वस्थ रहो. यही मेरे दिल की कामनाएं है.
                    क्या हुआ अगर तुम मेरे पास नहीं हो,
मगर तुम्हारी रगों में मेरा खून ही है.
कभी-कभी हो सकता है खून-खून से दूर हो,  
मगर ऐसा हो नहीं सकता, खून से खून जुदा हो
बेटा! मैं तुमसे क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आ रहा है. मैंने मात्र तुम्हारा जीवन ही बचाने के लिए इतने कष्ट सहन किये हैं. जिनका उल्लेख शब्दों में नहीं किया जा सकता है. मगर आज तुम कुछ समझने के लायक नहीं हो. इसलिए मैं तुम्हें बता नहीं सकता हूँ. आज तुम्हारी फोटो (जब तुम सात महीने के थें ) को देखकर ही संतोष कर लेता हूँ. जब तक तुम पांच साल के नहीं हो जाते हो. तब तक मुझे तुम्हारा संरक्षण प्राप्त नहीं हो सकता है क्योंकि हमारी न्याय व्यवस्था में नियम है. चाहे बेशक तुम्हें तुम्हारी नाना-नानी, मामा-मौसी और तुम्हारी माता मारें. जब तुम्हारी माता तुम्हें मात्र 20 दिन के को भी मार सकती हैं, सिर्फ इसलिए कि-तुम सर्दी के दिनों में कई-कई बार पेशाब कर देते थें और बार-बार मल कर देते थें  या फिर तब जब मैं तुम्हारी माता को तुम्हारी नानी के घर हर दूसरे दिन जाने से मना करता था.  मेरे पास इतने पैसे भी नहीं है कि-किसी नामी-गिरमी वकील को करके कोर्ट से संरक्षण प्राप्त कर लूँ. इसलिए बेटा मैंने अपने दिल पर पत्थर रख रखा है.
तुम्हें अपनी मजबूत बाँहों का सहारा देकर कदम-दर-कदम तुम्हारे साथ चलने व तुम्हारे लिए घोड़ा बनकर घुमाने के इच्छूक, तुमसे मिलने से भी मजबूर (तुम्हारी माता और नाना-नानी, मामा-मौसी, मौसी-मौसा की वजह से) अपने पापा को प्लीज़ माफ़ कर देना बेटा.   

एक बार फिर से तुमको दूसरा जन्मदिन मुबारक हो ढ़ेर सारे प्यार के साथ. तुम्हारा बदनसीब पापा रमेश कुमार जैन.

शनिवार, जनवरी 01, 2011

हार्दिक शुभकामनाएँ!

हार्दिक शुभकामनाएँ!
आज दिनांक 31/12/2010 को मैं अपनी भांजी काजल जैन यानि अपनी  सगी बहन सुषमा जैन की बेटी के जन्मदिन की खुशियों मनाने के साथ ही काजल जैन को उसको 14 वें जन्मदिन उत्सव पर समस्त "शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार की ओर से जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए ढ़ेरों शुभकामनायें प्रेषित करता हूँ. इन्हीं शब्दों के साथ ही ................
 
नए साल की नई सुबह, 
लाये नई खुशियों की सौगात, 
सुख-समृध्दी का हो साम्राज्य, 
तुम्हारे सपनों को मिले एक नया आयाम!
यह नववर्ष शुभ हो, नई खुशियों को लाये! 
यह साल इन मनमोहक फूलों की तरह से हो तुमारा जीवन!!
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